लोन सेटलमेंट और क्रेडिट स्कोर पर उसके प्रभाव

28 Jul, 2023 13:04 IST
लोन सेटलमेंट और क्रेडिट स्कोर पर उसके प्रभाव

अक्सर ज़िन्दगी में ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें कुछ ऐसे फैसले लेने होते हैं, जो हमारी ज़िंदगी में बहुत बड़ा बदलाव ले आते हैं। हो सकता है, ये हमारे लिए कठिन हो, लेकिन उस वक़्त हमारे पास कोई और विकल्प भी नहीं होता। भले आपने ज़िंदगी में सब कुछ प्लान किया हो, घर कब लेना है, गाडी कब लेनी है, लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं, जिनकी वजह से हमारी फाइनेंसियल प्लानिंग भी फेल हो जाती है। मसलन, आपने लोन लेकर प्रॉपर्टी बुक की और कुछ ही दिनों बाद पता चला की आपके हार्ट में प्रॉब्लम है। डॉक्टर ने आपको ज़्यादा काम करने से मना कर दिया। आप ने अपने इएम्आई के हिसाब से अपना पूरा बजट प्लान किया था, लेकिन अब तो आपके नौकरी पर ही संकट मंडराने लगा। ऐसे में हर महीने, इएम्आई नहीं चूका पाने की टेंशन, उस पर बढ़ते इंटरेस्ट रेट का डबल टेंशन। ऐसे में आप क्या करेंगे ? एक विकल्प है जो आपको बीच का रास्ता दिखा सकता है और थोड़ी राहत दिला सकता है - लोन सेटलमेंट।

आइये जाने क्या है लोन सेटलमेंट

जब आप अपना लोन चुका पाने में बिलकुल असमर्थ हो जाते हैं तो बैंक या फिर कोई और फाइनेंस कंपनी, जिससे आपने लोन लिया है , आपको वन टाइम सेटलमेंट का प्रस्ताव देती है। अगर देनदार को आपकी वजह सही लगती है तो वो पहले आपकी इएम्आई बंद कर देगा । फिर आपसी समझौते से एक ऐसी राशि तय होगी , जिसे आप एक बार में ही देकर अपना लोन अकाउंट बंद करवा सकते हैं। इससे फायदा ये होगा की आपको रिकवरी एजेंसीज परेशान नहीं करेंगी और आपका लोन भी सेटल हो जाएगा। लेकिन जहाँ ये तरीका राहत भरा है वहीँ इसके कुछ नुक्सान भी हैं, जो आगे जाकर आपको परेशान कर सकते हैं। दरअसल लोन सेटलमेंट को लोन क्लोज़र नहीं माना जाता। आपके लोन अकाउंट में "सेटल्ड" दर्ज़ होने का ये मतलब होता है की आपने निर्धारित राशि नहीं दी और आप दोबारा भी ऐसा कर सकते हैं। इससे आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब हो जाता है। कोई भी फाइनेंसियल कंपनी आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही आपको लोन देती है। और अगर क्रेडिट स्कोर ख़राब है तो भविष्य में भी आपको लोन लेने में काफी परेशानी आ सकती है।

लोन सेट्लमेंट और क्रेडिट स्कोर

दरअसल लोन सेट्लमेंट का आपके सिबिल स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लोन नहीं चुका पाने की स्थिति में बैंक आपका मामला सिबिल में भेज देता है और आपका सिबिल स्कोर कम कर दिया जाता है।

आपका सिबिल स्‍कोर 75-100 अंकों तक गिर सकता है। अगर आप एक से ज्‍यादा क्रेडिट अकाउंट का सेटलमेंट करते है, तो क्रेडिट स्‍कोर और भी ज्‍यादा कम हो सकता है |

क्रेडिट रिपोर्ट में अकाउंट स्‍टेटस सेक्‍शन में लोन सेटलमेंट का जिक्र अगले 7 सालों तक रह सकता है I इसके बाद अगले 7 साल तक आपको लोन के लिए अप्लाई करना काफी कठिन हो सकता है क्‍योंकि सिबिल के पास आपके लोन सेटलमेंट का स्‍कोर होता और सिबिल स्कोर चेक करने के बाद ही आपको लोन मिलता है।

क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें ?

अब आप ये तो समझ गए होंगे की लोन सेटलमेंट का आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचने का एक ही तरीका है - फिर से लोन लेना। लेकिन आपको इस लोन को चुकाने में कोई भी ढील नहीं देनी होगी और लोन की इएम्आई समय पर देनी होगी। आप क्रेडिट कार्ड से भी लोन की राशि चुका सकते हैं। अगर आप क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करेंगे तो आपके क्रेडिट हिस्ट्री में भी सुधार होगा और क्रेडिट स्कोर भी बढ़ेगा।

कुछ ज़रूरी बातें

हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए की लोन सेटलमेंट सबसे आखिरी ऑप्शन हो और कोशिश करें की ये न करना पड़े। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अच्छा सिबिल स्कोर ही भविष्य में आपको लोन दिलाने में आपकी मदद करेगा और इसका सही रहना ज़रूरी है, नहीं तो आपको बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आप फाइनेंसियल कम्पनीज के वेबसाइट पर भी अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते है।

आई आई ऍफ़ एल फाइनेंस के वेबसाइट पर आप बड़ी आसानी से अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं और लोन और क्रेडिट स्कोर से जुडी सारी जानकारी पा सकते हैं।

Disclaimer : The information in this blog is for general purposes only and may change without notice. It does not constitute legal, tax, or financial advice. Readers should seek professional guidance and make decisions at their own discretion. IIFL Finance is not liable for any reliance on this content. Read more

Most Read
100 Small Business Ideas to Start in 2025
8 May, 2025 11:37 IST
213385 Views
₹10000 Loan on Aadhar Card
19 Aug, 2024 17:54 IST
3066 Views
Get in Touch
By clicking on Apply Now button on the page, you authorize IIFL & its representatives to inform you about various products, offers and services provided by IIFL through any mode including telephone calls, SMS, letters, whatsapp etc.You confirm that laws in relation to unsolicited communication referred in 'National Do Not Call Registry' as laid down by 'Telecom Regulatory Authority of India' will not be applicable for such information/communication.